Vi bøger
Levering: 1 - 2 hverdage
Forlænget returret til d. 31. januar 2025

Bøger af

Filter
Filter
Sorter efterSorter Populære
  • af &#2351, &#2366, &#2350, mfl.
    136,95 kr.

  • af &#2358, &#2381, &#2366, mfl.
    173,95 kr.

    यह पुस्तक भारतीय संदर्भ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा लाई जाने वाली संभावनाओं तथा भारतीय उद्योगों और अर्थव्यवस्था पर AI के प्रभावों को केंद्र में रखकर लिखी गई है। पुस्तक की शुरुआत यह बताने के साथ होती है कि किस तरह से AI क्षेत्र में विभिन्न देशों के वर्चस्व की दौड़ ने तेज गति पकड़ रखी है और कैसे AI मुख्यधारा की राजनीति और विश्व के नेताओं को प्रभावित करने में कामयाब है। पुस्तक का एक अध्याय CEO और CTO द्वारा अपनी प्राथमिकताओं की सूची में AI को शीर्ष पर रखने के लिए प्रेरित करने के लिए समर्पित है। खेल क्षेत्र में AI के उपयोग, खेल प्रेमियों के साथ-साथ स्पोर्ट्स और कंप्यूटर गेम्स के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिए अत्यंत रुचिकर साबित होने जा रहे हैं। इसके साथ ही यह पुस्तक ऑटोनोमस वाहनों, स्मार्ट होम्स और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में AI के उपयोगों के बारे में गहन चर्चा और विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

  • af &#2366, &#2346, &#2352, mfl.
    217,95 kr.

    क्या हमारा सारा जीवन ही इस वो तो नहीं की संभावना से प्रेरित हुआ नहीं लगता! मन की अनिश्चित, असंगत, अकसर टेड़ी, उलझन मे डालने वाली चालो और उड़ानों पर भटकती होती है जिंदगी। 'है या नहीं 'के दो पाटो के बीच पीसते रहने को विवश। अक्सर वो तो नहीं की छांव मे थोड़ा शुकुन पाती हुई! पर अगर मगर के चक्कर सब कुछ गडमड सा लगता हुआ। कही वो तो नहीं, कहीं ये तो नहीं! इन दो धुरियों मे घुमता ही रहता है। जीवन चक्र! कैसा संयोग! कैसे रंग है जीवन के! जब जीना चाहा, जब प्यार चाहा, मिला नहीं। जिसके लिए सब कुछ छोड़ कर उसका होना चाहा, वो भी नहीं हो पाया। । जिसे भी चाहा मिला नहीं। और जब प्यार और खुशियाँ मिली भी तो अब! जब जीवन ही दांव पर लगा है। ऐसा लगता हुआ कि सब कुछ खत्म होने वाला है। आज एकाएक उसी जीवन से मोह सा हो गया! जब मृत्यु पास आती दिखी अभी तो जिंदगी जी ही नहीं है! बहुत कुछ करना, देखना है और जीते जाना है....जब सब ओर मौत और विनाश का तांडव हो रहा होता। जब ऐसे बुरे फंसे हैं, चारो तरफ पानी। बाढ़ का पानी, बादल फटने की जल राशि मे जीवन अंत होना करीब तय सा लगता हुआ। तब जीने की इच्छा बढ़ती जाती। जैसे जीने की बढ़ती इच्छा और आसन्न मृत्यु के बीच कोई गहरा संबंध हो!

Gør som tusindvis af andre bogelskere

Tilmeld dig nyhedsbrevet og få gode tilbud og inspiration til din næste læsning.