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आज से पाँच हजार वर्ष पूर्व श्री कृष्ण ने अपने प्रिय मित्र तथा शिष्य अर्जुन को, जो कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान को छोड़कर जाने को तैयार था। उस समय युद्ध को छोड़कर जा रहे अर्जुन के मन में जोश भरने के लिए। ताकि वो युद्ध करे और अपना कर्म पूरा करे उस समय श्री कृष्ण ने शिक्षा दी, जो उपदेश दिया उसी का नाम श्रीमदभगवद्गीता है। उसी को सरल गीता के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत किया है।
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