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जनम जनम की हसरतें - &2366 - Bog

जनम जनम की हसरतेंaf &2366
Bag om जनम जनम की हसरतें

प्रस्तुत किताब में जिंदगी के वर्तमान समय की महामारी में लिखी गई कुछ कविताएं सम्मिलित की गई है। इसमें प्यार है तो सलाह भी, हास्य है तो गम्भीरता भी। प्रकृति है तो मनुष्य की हिम्मत मापने के भाव हैं तो मनोबल को बढ़ावा भी। यह एक पूर्ण अभिभूत कविताओं का संग्रह है। कोई कविता हमें वर्तमान से रूबरू कराती है तो कोई आपको बुलंदियों को छूने का हौसला देती है। सरकार गोरखपुरी की भाषा जन सामान्य की भाषा है। उनकी शैली भावात्मक और यथार्थ से परिचय कराती हैं। इनकी कविताएं जमीन और प्रकृति से जुड़ाव महसूस कराती हैं।

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789354581212
  • Indbinding:
  • Paperback
  • Sideantal:
  • 88
  • Udgivet:
  • 21. juni 2021
  • Størrelse:
  • 127x5x203 mm.
  • Vægt:
  • 104 g.
  • BLACK NOVEMBER
Leveringstid: 8-11 hverdage
Forventet levering: 28. november 2024

Beskrivelse af जनम जनम की हसरतें

प्रस्तुत किताब में जिंदगी के वर्तमान समय की महामारी में लिखी गई कुछ कविताएं सम्मिलित की गई है। इसमें प्यार है तो सलाह भी, हास्य है तो गम्भीरता भी। प्रकृति है तो मनुष्य की हिम्मत मापने के भाव हैं तो मनोबल को बढ़ावा भी। यह एक पूर्ण अभिभूत कविताओं का संग्रह है। कोई कविता हमें वर्तमान से रूबरू कराती है तो कोई आपको बुलंदियों को छूने का हौसला देती है। सरकार गोरखपुरी की भाषा जन सामान्य की भाषा है। उनकी शैली भावात्मक और यथार्थ से परिचय कराती हैं। इनकी कविताएं जमीन और प्रकृति से जुड़ाव महसूस कराती हैं।

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