Vi bøger
Levering: 1 - 2 hverdage
Forlænget returret til d. 31. januar 2025

जम्बूद्वीपे भरतखंडे महर्षि मार्क्स के हथè - Atul Tiwari - Bog

Bag om जम्बूद्वीपे भरतखंडे महर्षि मार्क्स के हथè

जब कार्ल मार्क्स को मृत्युलोक से धरती पर कुछ पल बिताने का मौका मिलता है, तो वे चुनते हैं हिंदुस्तान की यात्रा करना। यहाँ पहुँचकर वे खोलते हैं अपने जीवन के अध्याय और इसी क्रम में खुलने लगती हैं भारतीय समाज की न जाने कितनी परतें . . . "पता नहीं आपको कैसा लग रहा होगा मुझे यहाँ मौजूद देख कर? आप सोच रहे होंगे, 'मार्क्स अभी तक ज़िंदा है? हमने तो सुना था और सोचा था कि . . . वो तो मर गया। उन्नीसवीं सदी में ना सही - तो 1989 में तो definitely मर गया था मार्क्स।' आपने ठीक सोचा था। मैं 1883 में ही मर गया। पर अब तक ज़िंदा भी हूँ। जी हाँ, 'मर गया हूँ - पर ज़िंदा हूँ'। हःहःहः! इसी को तो कहते हैं dialectics या द्वंद्ववाद - द्वंद्वात्मकता।"

Vis mere
  • Sprog:
  • Engelsk
  • ISBN:
  • 9789392017100
  • Indbinding:
  • Paperback
  • Sideantal:
  • 82
  • Udgivet:
  • 1. februar 2022
  • Størrelse:
  • 140x216x5 mm.
  • Vægt:
  • 113 g.
Leveringstid: 2-3 uger
Forventet levering: 22. januar 2025
Forlænget returret til d. 31. januar 2025
  •  

    Kan ikke leveres inden jul.
    Køb nu og print et gavebevis

Beskrivelse af जम्बूद्वीपे भरतखंडे महर्षि मार्क्स के हथè

जब कार्ल मार्क्स को मृत्युलोक से धरती पर कुछ पल बिताने का मौका मिलता है, तो वे चुनते हैं हिंदुस्तान की यात्रा करना। यहाँ पहुँचकर वे खोलते हैं अपने जीवन के अध्याय और इसी क्रम में खुलने लगती हैं भारतीय समाज की न जाने कितनी परतें . . . "पता नहीं आपको कैसा लग रहा होगा मुझे यहाँ मौजूद देख कर? आप सोच रहे होंगे, 'मार्क्स अभी तक ज़िंदा है? हमने तो सुना था और सोचा था कि . . . वो तो मर गया। उन्नीसवीं सदी में ना सही - तो 1989 में तो definitely मर गया था मार्क्स।' आपने ठीक सोचा था। मैं 1883 में ही मर गया। पर अब तक ज़िंदा भी हूँ। जी हाँ, 'मर गया हूँ - पर ज़िंदा हूँ'। हःहःहः! इसी को तो कहते हैं dialectics या द्वंद्ववाद - द्वंद्वात्मकता।"

Brugerbedømmelser af जम्बूद्वीपे भरतखंडे महर्षि मार्क्स के हथè



Find lignende bøger
Bogen जम्बूद्वीपे भरतखंडे महर्षि मार्क्स के हथè findes i følgende kategorier:

Gør som tusindvis af andre bogelskere

Tilmeld dig nyhedsbrevet og få gode tilbud og inspiration til din næste læsning.