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Yves Ke Naam Patra - Pierre Berge - Bog

Bag om Yves Ke Naam Patra

पियर बेरजे फ़्रांस के प्रसिद्ध उद्योगपति थे और कला, फैशन तथा अन्य सामाजिक-राजनीतिक कार्यों के प्रोत्साहन के लिए अपने संसाधनों का प्रयोग करते थे। ईव सांलौरां (1 अगस्त, 1936-1 जून, 2008) के साथ मिलकर उन्होंने एक फैशन-लेबल की स्थापना की। ईव बीसवीं सदी के अग्रणी फैशन डिजाइनरों में गिने जाते हैं और माना जाता है कि उन्होंने फैशन उद्योग को ही नहीं, फैशन कला को भी एक नई दिशा दी। रेडी-टू-वियर परिधानों की ईजाद का श्रेय उन्हें ही जाता है। यह पुस्तक इन दोनों के प्रेम की मार्मिक दास्तान है। ईव की मृत्यु ब्रेन कैंसर से हुई थी और उससे पहले उनका कलाकार-मन अपने व्यक्ति-सत्य और आन्तरिक सुख की तलाश में कुछ खतरनाक रास्तों पर भी भटका था। पियर बेरजे से ईव की मुलाकात 1958 में हुई थी और पहली ही निगाह में बेरजे उनसे आत्मा की गहराइयों से प्यार करने लगे थे। बीच में वे अलग भी हुए लेकिन जो रिश्ता बेरजे के हृदय की शिराओं में बिंध चुका था, उसे उन्होंने न सिर्फ ईव के जीवन के अन्त तक बल्कि अपने जीवन के अन्त तक निभाया। पत्र-शैली में लिखी इस किताब के पत्र बेरजे ने ईव के निधन के उपरान्त लिखने शुरू किए। गहन शोक और अन्तरंगता के हृदय-द्रावक उद्गारों से सम्पन्न इन पत्रों में हम प्रेम के हर उस रंग को देख सकते हैं जो किसी भी सच्चे प्रेम में सम्भव है और जाहिर है उनकी जीवन-कथा के सूत्र तो इसमें शामिल हैं ही। साथ ही फैशन के इतिहास के कुछ महत्त्वपूर्ण क्षणों से भी हमारा साक्षात्कार यहाँ होता है। लेकिन इस बात को सबके लिए नहीं कहा जा सकता। अगर तुमने और मैंने एक सामान्य जीवन बिताया है तो वह इसलिए क्योंकि हम समलैंगिक ही थे; हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था। यह कहना काफी अपमान जनक है कि समलैंगिक लोग यह विकल्प अपनी इच्छा से चुनते हैं। मैं अपने किरदार को काफी अच्छी तरह से जानता हूँ जब मैं तु

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789388183352
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 114
  • Udgivet:
  • 1. oktober 2018
  • Størrelse:
  • 140x11x216 mm.
  • Vægt:
  • 295 g.
  • 2-3 uger.
  • 20. november 2024
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Beskrivelse af Yves Ke Naam Patra

पियर बेरजे फ़्रांस के प्रसिद्ध उद्योगपति थे और कला, फैशन तथा अन्य सामाजिक-राजनीतिक कार्यों के प्रोत्साहन के लिए अपने संसाधनों का प्रयोग करते थे। ईव सांलौरां (1 अगस्त, 1936-1 जून, 2008) के साथ मिलकर उन्होंने एक फैशन-लेबल की स्थापना की। ईव बीसवीं सदी के अग्रणी फैशन डिजाइनरों में गिने जाते हैं और माना जाता है कि उन्होंने फैशन उद्योग को ही नहीं, फैशन कला को भी एक नई दिशा दी। रेडी-टू-वियर परिधानों की ईजाद का श्रेय उन्हें ही जाता है। यह पुस्तक इन दोनों के प्रेम की मार्मिक दास्तान है। ईव की मृत्यु ब्रेन कैंसर से हुई थी और उससे पहले उनका कलाकार-मन अपने व्यक्ति-सत्य और आन्तरिक सुख की तलाश में कुछ खतरनाक रास्तों पर भी भटका था। पियर बेरजे से ईव की मुलाकात 1958 में हुई थी और पहली ही निगाह में बेरजे उनसे आत्मा की गहराइयों से प्यार करने लगे थे। बीच में वे अलग भी हुए लेकिन जो रिश्ता बेरजे के हृदय की शिराओं में बिंध चुका था, उसे उन्होंने न सिर्फ ईव के जीवन के अन्त तक बल्कि अपने जीवन के अन्त तक निभाया। पत्र-शैली में लिखी इस किताब के पत्र बेरजे ने ईव के निधन के उपरान्त लिखने शुरू किए। गहन शोक और अन्तरंगता के हृदय-द्रावक उद्गारों से सम्पन्न इन पत्रों में हम प्रेम के हर उस रंग को देख सकते हैं जो किसी भी सच्चे प्रेम में सम्भव है और जाहिर है उनकी जीवन-कथा के सूत्र तो इसमें शामिल हैं ही। साथ ही फैशन के इतिहास के कुछ महत्त्वपूर्ण क्षणों से भी हमारा साक्षात्कार यहाँ होता है। लेकिन इस बात को सबके लिए नहीं कहा जा सकता। अगर तुमने और मैंने एक सामान्य जीवन बिताया है तो वह इसलिए क्योंकि हम समलैंगिक ही थे; हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था। यह कहना काफी अपमान जनक है कि समलैंगिक लोग यह विकल्प अपनी इच्छा से चुनते हैं। मैं अपने किरदार को काफी अच्छी तरह से जानता हूँ जब मैं तु

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