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बाबर के बेटों की दर्दभरी ê - Mohanlal Gupta - Bog

Bag om बाबर के बेटों की दर्दभरी ê

मध्य-एशिया में तुर्कों एवं मंगोलों के रक्त मिश्रण से तुर्को-मंगोल राजवंश की उत्पत्ति हुई जिसमें तैमूर लंग का जन्म हुआ। इस पुस्तक में तैमूर के पांचवे वंशज बाबर तथा उसके बेटों हुमायूं, कामरान, अस्करी तथा हिंदाल का इतिहास लिखा गया है जिन्होंने भारत में दो बार मुगल सल्तनत की स्थापना की। बाबर की मृत्यु के समय उसका राज्य बल्ख, बदख्शां, टालिकान, काबुल, कांधार, गजनी, मुल्तान, लाहौर, दिल्ली, आगरा, संभल, चुनार, कालिंजर एवं ग्वालियर आदि तक विस्तृत था। बाबर ने अपने राज्य को चार भागों में बांटा तथा उन्हें अपने एक-एक पुत्र के अधीन कर दिया किंतु उसने ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं को उन चारों भागों का बादशाह बना दिया। बाबर ने उसे यह जिम्मेदारी भी दी कि हुमायूं अपने भाइयों को कभी दण्डित न करे। हमायूं के भाई जीवन भर हुमायूं से धोखा करते रहे जिसके कारण हुमायूं का राज्य नष्ट हो गया तथा उसे ईरान भाग जाना पड़ा। अंत में हुमायूं को अपने भाइयों के विरुद्ध कठोर कदम उठाने पड़े। भाइयों से छुटकारा पाने के बाद ही हुमायूं खोए हुए राज्य को फिर से प्राप्त कर सका। इस पुस्तक में बाबर तथा उसके बेटों का इतिहास लिखा गया है ।

Vis mere
  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9788195229659
  • Indbinding:
  • Paperback
  • Sideantal:
  • 334
  • Udgivet:
  • 12. august 2021
  • Størrelse:
  • 152x18x229 mm.
  • Vægt:
  • 449 g.
  • 2-3 uger.
  • 22. januar 2025
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Beskrivelse af बाबर के बेटों की दर्दभरी ê

मध्य-एशिया में तुर्कों एवं मंगोलों के रक्त मिश्रण से तुर्को-मंगोल राजवंश की उत्पत्ति हुई जिसमें तैमूर लंग का जन्म हुआ। इस पुस्तक में तैमूर के पांचवे वंशज बाबर तथा उसके बेटों हुमायूं, कामरान, अस्करी तथा हिंदाल का इतिहास लिखा गया है जिन्होंने भारत में दो बार मुगल सल्तनत की स्थापना की। बाबर की मृत्यु के समय उसका राज्य बल्ख, बदख्शां, टालिकान, काबुल, कांधार, गजनी, मुल्तान, लाहौर, दिल्ली, आगरा, संभल, चुनार, कालिंजर एवं ग्वालियर आदि तक विस्तृत था। बाबर ने अपने राज्य को चार भागों में बांटा तथा उन्हें अपने एक-एक पुत्र के अधीन कर दिया किंतु उसने ज्येष्ठ पुत्र हुमायूं को उन चारों भागों का बादशाह बना दिया। बाबर ने उसे यह जिम्मेदारी भी दी कि हुमायूं अपने भाइयों को कभी दण्डित न करे। हमायूं के भाई जीवन भर हुमायूं से धोखा करते रहे जिसके कारण हुमायूं का राज्य नष्ट हो गया तथा उसे ईरान भाग जाना पड़ा। अंत में हुमायूं को अपने भाइयों के विरुद्ध कठोर कदम उठाने पड़े। भाइयों से छुटकारा पाने के बाद ही हुमायूं खोए हुए राज्य को फिर से प्राप्त कर सका। इस पुस्तक में बाबर तथा उसके बेटों का इतिहास लिखा गया है ।

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