Gør som tusindvis af andre bogelskere
Tilmeld dig nyhedsbrevet og få gode tilbud og inspiration til din næste læsning.
Ved tilmelding accepterer du vores persondatapolitik.Du kan altid afmelde dig igen.
About the Book: ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿, ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿. ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿. ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿. ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿-¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿. ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿. ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿, ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿ ¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿, LGBT ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿. ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿,¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿,¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿.
About the Book: भापे की चाची उपन्यास बेशक लिखा पंजाब की पृष्ठभूमि पर गया है पर यह कहानी भारत के किसी भी गाँव की कहानी हो सकती है। यहाँ आपको भारतीय गाँवों के परिवेश, वहाँ की समस्याओं और रीति रिवाजों की झलक मिलेगी। इस उपन्यास में आपको ममता मिलेगी, भाई बहनों का प्यार मिलेगा। प्रेम की रसधार मिलेगी, गुस्सा, ईर्ष्या और नफरत मिलेगी। प्रतिशोध होगा तो समर्पण भी होगा। संघर्ष कदम-कदम पर होंगे तो बेहतर जीवन के सपने भी होंगे। संक्षेप में दुनिया का ऐसा कोई भाव नहीं जो इस उपन्यास में आपको पढने को न मिले। किरण की खूबसूरती ने उसकी जिन्दगी में कई गुल खिलाए। किरण और निरंजन की जिंदगी के उतार-चढावों के साथ-साथ आप भी बह निकलेंगे। गुरनैब के साथ किरण का हाथ पकड़ कर तैरेंगे।मेरा दावा है कि एक बार उपन्यास पढ़ना शुरु कर लेंगे तो पूरा किए बिना छोड़ नहीं पाएंगे। बाकी किरण के साथ-साथ भानी, सिमरन और जसलीन के जीवन का संघर्ष भी है तो पढिए और अपनी राय से अवगत कराइए।
About the Book: धूल सरमाया है जीवन का। जीवन इसीसे शुरू होता है और खत्म भी।और फिर भी हम इसे झटकना चाहते हैं खुदसे। कुछ कड़वे जज़्बात और सच्चाइयां भी ऐसी ही हैं जिनसे हम भागते रहते हैं, नज़र बचाते रहते हैं। धूल उन्ही जज़्बातों और सच्चाइयों से आपको रु-ब-रु कराने की एक कोशिश है। मेरी यही ख्वाइश है के इसे जो भी पढ़े, संबंध बना सके अपने अंदर के जज़्बातों से। अगर मेरी कविताएं उन एहसासों और जज़्बातों की आवाज़ बन सकी हैं तो मेरे लिए ये बहूत संतुष्टि की बात होगी। हाँ कुछ पहलू इश्क़ और प्रेरणा के भी हैं क्योंकि उनके बिना ज़िन्दगी में आगे बढ़ना मुश्किल है। जीवन में दुःख और विपदाएं बस ज़रिया हैं अपने अंदर के प्रेरणा और हिम्मत को जागृत करने का। हम सब उलझे अपनी ही महाभारत में हम सब अर्जुन, खोज रहे अपने सारथी को।- रचना About the Author: रचना ने ज़िन्दगी से तजुर्बों और इंसानी भावनाओं को करीब से देखा और अनुभव किया है। और इन्ही अनुभवों और भावनाओं को शब्दों का रूप देने की कोशिश रहती है रचना की - इंसानी रिश्तों को और ताल्लुकात को समझने और उसे शब्दों में उतारकर पेश करने की कोशिश। पेशे से वो एक शिक्षिका है, पर एक बहुमुखी कवयित्री भी हैं जो हिंदी-उर्दू व अंग्रेज़ी, दोनों ही भाषाओं में कविता लिखती हैं और मुंबई में कईं 'ओपन माइक' में अपनी कविताएं पढ़ चुकी हैं। 2018 में, यौरकोट के 'लैंग्वेज फेस्ट' में वो बैंगलोर में भी परफॉर्म कर चुकी है। लिखने के अलावा, उन्हें यात्रा करना, संगीत सुनना और मंडल चित्र बनाना पसंद है। ज़िन्दगी के सफर से उन्हें प्रेरणा मिलती है लिखने की, इसलिए उनकी कविताएं आपको ज़िन्दगी से रु-ब-रु कराएं धूल (Dhool)
About the Book: स्वर्गीय जयशंकर प्रसाद का मानना था जीवन लालसाओं से बना हुआ सुंदर चित्र है। ऋग्वेद और अन्य ग्रंथों में कहीं पर चित्र को उत्कृष्ट, स्पष्ट, रंगीन, एवं आंखों पर प्रभाव डालने वाला कहा है तो कहीं 'आभास' (जिसका शाब्दिक अर्थ सादृश्य, चमकता हुआ है) कहा गया है। सामान्यतया किसी भी व्यक्ति या वस्तु की कागज, कपड़े, पत्थर, लकड़ी, शीशे आदि पर उकेरी हुई, प्रतिकृति को चित्र कहा जाता है। आज चित्र शब्द पेंटिंग और कैमेरे से खींची तस्वीर के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। चित्र का एक अर्थ आकाश भी है। आकाश यानी विस्तार, फैलाव - 'रंगों और रेखाओं के माध्यम से भावनाओं का फैलाव।'भावनाओं को अभिव्यक्त करने का एक अन्य सशक्त माध्यम है 'शब्द।' प्रस्तुत संग्रह में चित्रों को शब्दों ने अनायास नया विस्तार, नए आयाम ही दिए हैं कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
About the Book: अपना देश "वसुधैव कुटुम्बकम" नामक सनातन धर्म के मूल आदर्श सिद्धांत में विश्वास रखने वाला देश है इसका मतलब धरती ही परिवार है एक का सुख - दुःख दूसरे का सुख-दुःख होना चाहिए सिद्धांतत यह बहुत अच्छी बात है लेकिन व्यवहारत उधर अपने ही देश में समय समय पर "एकला चलो रे" का भी तो आवाहन हुआ है, जिसका अर्थ है कि आप अपने मंजिल की तरफ अपने ढंग से आगे, अकेले ही बढ़ते रहें इसी "आगे और अकेले" बढ़ने के जोश-जुनून ने समीर और मीरा का घर उजाड़ना शुरू कर दिया है समीर और मीरा ही नहीं आज ढेर सारे लोगों को बेघर होना पड़ रहा है मीरा आधुनिक दौर की युवती है और उसे अपने कैरियर को किसी भी हाल में दांव पर नहीं लगाना है समीर है कि उसे घर बसाने के लिए एक ऐसी गृहिणी चाहिए जो अपने कैरियर और दाम्पत्य दोनों पर खरी उतरे मीरा दाम्पत्य जीवन में सेक्स सम्बन्ध बनाने से इसीलिए बचती फिरती है कि कहीं बाल बच्चों के चक्कर में उसका कैरियर बनाने का सपना ही न धूमिल हो जाय उधर नरेंदर, मीरा का चालाक सहपाठी और कैरियर गाइड, मीरा का मददगार है हालांकि वह भी मीरा की शारीरिक निकटता चाहता है दोनों इसी कशमकश में एकाधिक बार साहचर्य का सुख भी उठा चुके हैं लेकिन उन दोनों के विवाह करके घर बसाने में दिक्कतें हैं कुछ ऐसे ही ताने बाने को लेकर "स्टोरीमिरर" के लिटरेरी जनरल श्री प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी द्वारा रचा गया सामाजिक और पारिवारिक आइना दिखाता उपन्यास है - "उजड़ा हुआ दयार !"
About the Book: କହିବାର ଯାହା ଥାଏ ସବୁ କଥା କହି ହୁଏନା । ପିଲା ବେଳଠୁ ଏଯାବତ୍ ଅନେକ ନ କହିପାରିଥିବା କଥା କବି ତାଙ୍କର ଏହି ଦ୍ଵିତୀୟ କବିତା ସଙ୍କଳନରେ ଆବଦ୍ଧ କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରିଛନ୍ତି। ବାସ୍ତବତାକୁ ସାମ୍ନା କରି ସାହସ କରି ମନ କଥା କହିଦେଲେ ହେଲା, କହିବାର ଯାହା ଥିଲା। ଜୀବନର, ସମାଜର ବିଭିନ୍ନ ଦିଗକୁ ଅଭିଜ୍ଞତାକୁ ପରିପ୍ରକାଶ କରୁଥିବା ଏକ ମିଶ୍ରିତ,ମନୋଜ୍ଞ, ସୁଖପାଠ୍ୟ ଏହି କବିତା ସଙ୍କଳନ। ଆଶା ପାଠକୀୟ ସ୍ୱୀକୃତି ଲାଭ କରିବ।
About the Book: "काव्य शाखाएँ" लेखिका की पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में 44 कविताएं संकलित हैं। वृक्ष की शाखाएँ जिस तरह वृक्ष के साथ जुड़ी रहती हैं, वैसे ही ये कविताएं भी पाठक या श्रोता को जोड़कर रखने का कार्य करती हैं। जिस प्रकार ये शाखाएँ फूलों से सुशोभित होती हैं, उसी प्रकार इन कविताओं में भी श्रृंगार रस का आलंबन है। "काव्य की ये शाखाएँ बहुत कुछ कहना चाहती हैं आसमान को छूने का ये एक सुअवसर चाहती हैं श्रृंगार काव्य का किया है मैंने भावों से सजाकर ये शाखाएँ मौन कलियों संग मुस्कुराना चाहती हैं।" लेखिका की "काव्य शाखाएँ" काव्य उद्यान में पल्लवित हों, पुष्पित हों, पाठकों का मार्गदर्शन एवं उनमें नई ऊर्जा का संचार कर सके यही कामना है। About the Author: मिली साहा एक ग्रहणी के साथ एक अच्छी लेखिका हैं। निजी जीवन की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ इन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा को भी बखूबी निखारा है। लिखने का शौक इन्हें शुरू से ही था किंतु वक़्त के साथ वो कहीं विलीन होता चला गया। लॉकडाउन के दौरान खाली समय में इनकी दबी हुई इस प्रतिभा ने इन्हें जब अंदर से आवाज़ लगाई तो मानो इनके हौसलों को पंख मिल गए और वहाँ से इनकी लेखन यात्रा पुनः आरंभ हुई। कल्पनाशीलता और वास्तविकता का अनोखा संगम इनकी रचनाओं में समाहित है जिसमें जीवन के खट्टे मीठे अनुभव और समाज के विभिन्न पहलुओं की छाप है। इनकी रचनाएं साहित्य मंजरी, अमर उजाला, वुमन एक्सप्रेस, इंदौर समाचार आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। इन्हें लेखन कार्य में विभिन्न साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में अनेकों बार विजेता का खिताब भी प्राप्त हो चुका है।
About the Book: प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरहान पामुक ने कहा है - "मैंने एक दिन एक किताब पढ़ी और मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।" स्टोरीमिरर ने लेखकों और पाठकों को समान रूप से एक अनूठा मंच प्रदान करके लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कहानी पढ़ कर और कहानी सुन कर हम एक अलग दुनिया में प्रवेश करते हैं, जहाँ मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंगों से साक्षात्कार होते हैं। प्रत्येक कहानी हमें कुछ सिखाती है, हमें सोचने पर मजबूर करती है और कुछ आत्म चिंतन का अवसर प्रदान करती है। इस व्यस्त और नीरस जीवन में, एक कहानी की किताब हमें सपने देखने में मदद कर सकती है, हमें परियों में विश्वास दिला सकती है, हमें जीवंत रख सकती है, हमें आशा दे सकती है और कुछ कहानियाँ हमें अपनी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटने का साहस भी दे सकती हैं। जॉर्ज सॉन्डर्स ने ठीक ही कहा है, "जब आप एक छोटी कहानी पढ़ते हैं, तो आप थोड़ा अधिक जागरूक हो जाते हैं और अपने आस-पास की दुनिया को थोड़ा अधिक प्यार करने लगते हैं।" स्टोरीमिरर पर ढेर सारी दिलचस्प कहानियों में से कुछ कहानियों को चुनना एक मुश्किल काम है लेकिन इस किताब के माध्यम से सबसे अच्छी कहानियों को चुन कर आपके लिए उपलब्ध कराया गया है जो होनहार लेखकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम हैं। लेखकों ने उनकी कल्पना शक्ति और लेखन का बेहतरीन इस्तेमाल किया है और अपनी सबसे कल्पनाशील, मनोरंजक, आकर्षक और मनोरंजक रचनाएं हमें प्रस्तुत की हैं। कहानियों का यह संग्रह, पाठकों तक सर्वश्रेष्ठ कहानियों को पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगा और स्टोरीमिरर वेबसाइट के विशाल संग्रह का हिस्सा बनेगा। हमें उम्मीद है कि यह आपको पसंद आएगा। आशा है कि इसे पढ़ कर आप सुखद अनुभव से गुजरेंगे!
About the Book: "ସପନପୁରର ଗୋପନ କଥା" ପୁସ୍ତକଟି ସମୁଦାୟ ସଇଁତିରିଶଟି ଗଳ୍ପର ସମାହାର । ଗଳ୍ପ ଗୁଡ଼ିକର କଥାବସ୍ତୁ ପିଲାଦିନର ଆଈମା କାହାଣୀକୁ ଆରମ୍ଭ କରି ବୟସର ଉତ୍ତରାହ୍ନ ବ୍ୟାପୀ ପ୍ରତ୍ୟେକ୍ଷ ଏବଂ ପରୋକ୍ଷ ଅନୁଭୂତିରେ ପରିପୁଷ୍ଟ। କିଛି ଆତ୍ମୋପଲବ୍ଧି, ସୁନ୍ଦର ଜୀବନ ଦର୍ଶନ ଏବଂ ସ୍ମୃତିରୁ କ୍ରମଶଃ ହଜି ଯାଉଥିବା ଅତୀତର କିଛି ଲୋକକଥା ଓ ବିଶ୍ୱାସକୁ ସତେଜ ତଥା ଉଜ୍ଜିବୀତ କରି ରଖିବା ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ପ୍ରତ୍ୟେକଟି ଗଳ୍ପ ମାଧ୍ୟମରେ ଖୁବ୍ ସୁନ୍ଦର ପ୍ରୟାସ କରା ଯାଇଅଛି ।ପୁସ୍ତକଟି ସାହିତ୍ୟପ୍ରେମୀ ସୁଧୀ ପାଠକପାଠିକାଙ୍କ ମାନଙ୍କ ହୃଦୟକୁ ଛୁଇଁପାରିବ ବୋଲି ଆମର ଦୃଢ଼ ଆଶା ରହିଛି । About the Author: ଓଡ଼ିଶା ରାଜ୍ୟ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ ପରିସଂଖ୍ୟାନ ନିର୍ଦ୍ଦେଶାଳୟରୁ ସେବାନିବୃତ୍ତ ହୋଇ ସାହିତ୍ୟ ସାଧନାକୁ ଜୀବନର ବ୍ରତ ଭାବେ ଗ୍ରହଣ କରିଥିବା ଶ୍ରୀ ଭରତବଂଧୁ ବିଶ୍ୱାଳଙ୍କର ଅନେକ ଗୁଡ଼ିଏ କବିତା, ଗଳ୍ପ ଏବଂ ପ୍ରବନ୍ଧ ରାଜ୍ୟର ବହୁ ପତ୍ରପତ୍ରିକାରେ ପ୍ରକାଶିତ ହୋଇ ପାଠକୀୟ ପ୍ରଶଂସା ଲାଭ କରିଅଛି । ସେ ଜଣେ ଭାଷା ସଂସ୍କୃତିପ୍ରେମୀ ବରିଷ୍ଠ ପ୍ରତିଭା ସମ୍ପନ୍ନ କବି ଓ ସୁସାହିତ୍ୟିକ ଭାବେ ବିଭିନ୍ନ ସାହିତ୍ଯ ଅନୁଷ୍ଠାନ ଦ୍ବାରା ସମ୍ବର୍ଦ୍ଧିତ ହୋଇଛନ୍ତି । ଦେଶର ଅଗ୍ରଣୀ ବହୁଭାଷୀ ସାହିତ୍ୟ ପ୍ରତିଷ୍ଠାନ ଷ୍ଟୋରିମିରରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଆୟୋଜିତ ବହୁ ପ୍ରତିଯୋଗିତାରେ ସେ ବିଜୟୀ ହେବା ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ୨୦୨୧ବର୍ଷ ପାଇଁ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ଲେଖକ ସମ୍ମାନ ମଧ୍ୟ ଲାଭ କରିଛନ୍ତି। ଜୀବନର କିଛି ସ୍ମୃତି ଏବଂ ନିଚ୍ଛକ ଅନୁଭୂତିକୁ ନେଇ ରଚିତ ତାଙ୍କର ଏହି ପ୍ରଥମ ଗଳ୍ପ ସଙ୍କଳନ "ସପନପୁରର ଗୋପନ କଥାରେ ସେ ତାଙ୍କ ସୁନ୍ଦର ସୃଜନଶୀଳ ଭାବକଳ୍ପ ସବୁକୁ ଖୁବ ଯତ୍ନର ସହିତ ଓଡ଼ିଆ ସାହିତ୍ୟପ୍ରେମୀଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପରିବେଷଣ କରିବାର ଅଭିନବ ପ୍ରୟାସ କରିଛନ୍ତି । ଆଶା,ପୁସ୍ତକ "ସପନପୁରର ଗୋପନ କଥା" ପ୍ରିୟ ଓଡ଼ିଆ ପାଠକପାଠିକାଙ୍କ ମହଲରେ ନିଶ୍ଚିତ ଆଦୃତ ହେବ ।
About the Book: प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरहान पामुक ने कहा है - "मैंने एक दिन एक किताब पढ़ी और मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।" स्टोरीमिरर ने लेखकों और पाठकों को समान रूप से एक अनूठा मंच प्रदान करके लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कहानी पढ़ कर और कहानी सुन कर हम एक अलग दुनिया में प्रवेश करते हैं, जहाँ मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंगों से साक्षात्कार होते हैं। प्रत्येक कहानी हमें कुछ सिखाती है, हमें सोचने पर मजबूर करती है और कुछ आत्म चिंतन का अवसर प्रदान करती है। इस व्यस्त और नीरस जीवन में, एक कहानी की किताब हमें सपने देखने में मदद कर सकती है, हमें परियों में विश्वास दिला सकती है, हमें जीवंत रख सकती है, हमें आशा दे सकती है और कुछ कहानियाँ हमें अपनी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटने का साहस भी दे सकती हैं। जॉर्ज सॉन्डर्स ने ठीक ही कहा है, "जब आप एक छोटी कहानी पढ़ते हैं, तो आप थोड़ा अधिक जागरूक हो जाते हैं और अपने आस-पास की दुनिया को थोड़ा अधिक प्यार करने लगते हैं।" स्टोरीमिरर पर ढेर सारी दिलचस्प कहानियों में से कुछ कहानियों को चुनना एक मुश्किल काम है लेकिन इस किताब के माध्यम से सबसे अच्छी कहानियों को चुन कर आपके लिए उपलब्ध कराया गया है जो होनहार लेखकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम हैं। लेखकों ने उनकी कल्पना शक्ति और लेखन का बेहतरीन इस्तेमाल किया है और अपनी सबसे कल्पनाशील, मनोरंजक, आकर्षक और मनोरंजक रचनाएं हमें प्रस्तुत की हैं।कहानियों का यह संग्रह, पाठकों तक सर्वश्रेष्ठ कहानियों को पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगा और स्टोरीमिरर वेबसाइट के विशाल संग्रह का हिस्सा बनेगा। हमें उम्मीद है कि यह आपको पसंद आएगा। आशा है कि इसे पढ़ कर आप सुखद अनुभव से गुजरेंगे!
About the Book: १९७४ साली वयाच्या चोविसाव्या वर्षी उच्च शिक्षणासाठी अमेरिकेला गेलेल्या आयआयटी कानपूरच्या ध्येयवादी विद्यार्थ्याची ही कथा आहे. अमेरिकेतील अत्यंत लाभदायक जीवनक्षेत्र सोडून १९८१ मध्ये तो ग्रामीण भारतात काम करण्यासाठी परतला. सगळे सल्ले धुडकावून परत आलेल्या आणि त्या प्रक्रियेत स्वत ची ओळख पटलेल्या आदर्शवादी तरुणाची ही गोष्ट आहे.१९७० च्या दशकातल्या त्यांच्या अमेरिकेतील वास्तव्य आणि अनुभवांच्या आठवणींबद्दल डॉ. अनिल राजवंशी यांनी आकर्षक आणि रंगतदार शैलीत लिहिलं आहे. ही एक प्रेरणादायी कहाणी आहे आणि सर्व भारतीयांना विशेषतः अनिवासी भारतीय आणि परदेशी जायला इच्छुक पण खास करून ग्रामीण भारतात बदल घडवून आणण्याची आस असलेल्यांना भावेल. हे पुस्तक प्रथम २००८ साली इंग्रजीत छापलं गेलं आणि त्याचा मराठी अनुवाद आता येत आहे. पुस्तकाची अग्रिम प्रत महाजालावर उपलब्ध करण्यात आली होती आणि जगभर त्याला अफाट सकारात्मक प्रतिसाद मिळाला.
About the Book- ତାଙ୍କର 'ବିବିଧବର୍ଣ୍ଣା' ସମାଲୋଚନା ପୁସ୍ତକଟି ଓଡ଼ିଆ ସାହିତ୍ୟର ବିବିଧ ଦିଗକୁ ନେଇ ସଂକଳିତ ସାତଟି ଆଲୋଚନାରେ ପରିପୁଷ୍ଟ। ଏହି ପ୍ରବନ୍ଧ ସବୁ ତାଙ୍କ ତରୁଣ ସମୟର ଲେଖା ହେଲେ ମଧ୍ୟ ଓଡ଼ିଆ ସାହିତ୍ୟ ପ୍ରତି ଥିବା ତାଙ୍କର ଗଭୀର ପ୍ରବେଶ ଓ ଦୃଷ୍ଟିକୋଣ ଏହି ସବୁ ନିବନ୍ଧରେ ପ୍ରକାଶ ଲାଭ କରିଛି। ମୋର ଗଭୀର ବିଶ୍ୱାସ ଉକ୍ତ ପୁସ୍ତକଟି ଗବେଷକ ଓ ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଆଦୃତ ହେବ।
About the Book: ऋग्वेद के समय से कविता की मज़बूत परम्परा रही है। लेखक व दार्शनिक कुशल कवि होते थे। कविता प्रायः संगीत की परम्पराओं से सम्बन्ध रखती है। रामायण व महाभारत कालजयी महाकाव्य हैं। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार, "केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिये, उसमें उचित उपदेश का मर्म होना चाहिये।" कविता ज्ञानराशि का संचित कोष है। कलम की शक्ति का प्रयोग कर कवि साहित्यकार नए समाज के निर्माण में सहयोग देता है। कुरीतियाँ पर कुठाराघात कर कविता जनमानस को सकारात्मक सोच और लोक कल्याण के कार्यों के लिये प्रेरणा देती है। मानव के उच्चतर भाव कविता में व्यक्त होते हैं जो सभ्यता के विकास में सहायक होते हैं। थोड़े से शब्दों में सटीक बात कह जाती है कविता। महाप्राण निराला ने मुक्त-छन्द की सृष्टि द्वारा अपूर्व अभिव्यंजन परम्परा को प्रतिष्ठा दी है। वर्तमान हिन्दी में नए छन्द को स्वच्छन्द छन्द के नाम से पुकारा जाता है। इस पुस्तक की कविता स्वच्छन्द छन्द की कविता है और जब जैसा भावोद्रेक हुआ है, वैसी बन पड़ी है। हृदय में जब जो भाव आते हैं, वही कविता के रूप में स्वतः प्रस्फुटित हो जाते हैं।
About the Book: सामान्य माणसाने, सामान्य भाषेत लिहिलेल्या अशा या 'सामान्य माणसाच्या कविता!' हा कवितासंग्रह म्हणजे कवीच्या जीवनात घडलेल्या किंवा इतरांनी अनुभवलेल्या वेगवेगळ्या गोष्टींबद्दलच्या वाटलेल्या भावना. समाजात वेगाने बदलतो आहे आणि या सतत बदलणाऱ्या समाजात कवीच्या मनाची होणारी व्यथा म्हणजेच या कविता रुपात मांडलेल्या कथा ज्या कदाचित तुमच्याही कविता असतील आणि म्हणूनच ह्या कविता जरी कवीने लिहिलेल्या असल्या तरी त्यातल्या भावना आणि व्यथा आपल्या सगळ्यांच्या आहेत. ह्या कवितांमार्फत कळत नकळत काही गोष्टींच्या वर्मावर बोट ठेवले आहे आणि काही कविता या आपल्याला आपल्या नैतिक जबाबदारी बद्दल विचार करायला भाग पाडतात. लहान मुलांवर सगळेच संस्कार करतात, पण जे मोठे झालेत त्यांच्यावर नव्याने काही संस्कार व्हावेत म्हणून ह्या कविता आणि सगळ्यात महत्वाचे म्हणजे, सुख म्हणजे नक्की काय? पैसा म्हणजेच सर्वस्व का आणि खरे समाधान कशात आहे ते व्यक्त करणाऱ्या अशा या कविता! About the Author: अरुण भऊड हे बी. ई. (कॉम्प्युटर्स ) चे पदवी धर आहेत. माहिती तंत्रज्ञान क्षेत्रात त्यांना १७ हून अधिक वर्षांचा अनुभव आहे. पटणी, टाटा कंसल्टंसी सर्विसेस, कॉग्निझंट, आर्क सोल्यूशन्स अशा आंतरराष्ट्रीय कंपन्यांत काम केल्यावर ते मॉर्निंगस्टार कंपनीत 'मॅनेजर' म्हणून कार्यरत होते. अभियांत्रिकी विद्यालयात ते गेस्ट लेक्चर देतात तसेच 'विवेकवादी विचारसरणी' या विषयावर शाळा, कॉलेज आणि कॉर्पोरेट कंपन्यांत मार्ग दर्शन देखील करतात. काव्यरचने व्यतिरिक्त त्यांना वाचन, फोटोग्राफी, क्रिकेट आणि पाककलेचीही आवड आहे.
About the Book: "जब हम अपनी भावनाओं को विचार में बदलते हैं और विचारों को जब शब्द मिल जाते हैं, तब कविता बनती है।" - रॉबर्ट फ्रॉस्ट लोग यूँ ही हर अच्छी चीज़ को 'काव्य' नहीं कहते हैं। निकोलस स्पार्क्स के प्रसिद्ध रोमांटिक उपन्यास 'द नोट बुक' का नायक अपनी प्रेमिका को 'जीवित कविता' कहता है। हमारा सर्वोत्तम साहित्य चाहे किसी भी रूप में हो जैसे चलचित्र, कला, स्थान, भोजन, यहां तक कि शराब भी 'काव्यात्मक' हो जाता है। हम वैज्ञानिक रूप से या तकनीकी रूप से कितने भी उन्नत हो जाएँ, हमेशा अपनी भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने के लिए कविता लिखते एवं पढ़ते रहेंगे। हम कविता सिर्फ इसलिए नहीं पढ़ते और लिखते हैं कि यह रोचक होती है, बल्कि हम कविता इसलिए पढ़ते और लिखते हैं क्योंकि हम जुनून से भरे होते हैं। चिकित्सा, कानून, व्यवसाय, इंजीनियरिंग महान व्यवसाय हैं और जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं लेकिन कविता, सौन्दर्य, रोमांस और प्रेम है जो जीवन को खूबसूरत और जीने लायक बनाती है। यह बहुत गर्व और खुशी का विषय है कि स्टोरीमिरर की पूरी टीम ने "शब्दयात्रा" एक खूबसूरत संग्रह के लिए कविताओं को चुना, संपादित, संकलित, डिजाइन, मुद्रित और प्रकाशित किया। इस संकलन के सह-लेखक कवि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं। उनकी उम्र, लिंग, पेशा, योग्यता, विषय और शैली भिन्न हो सकती है, लेकिन इन सभी ने अपनी भावनाओं, कल्पना, जुनून और जीवन के अनुभवों को इन कविताओं में उकेरा है। ये कविताएँ निश्चित रूप से आपके दिल को छू लेंगी और आपकी आत्मा को तृप्त कर देंगी। आशा है इसे पढ़ कर आपको सुखद अनुभूति होगी।
About the Book: काळराक्षस कलीला खात्री पटते की, मानव संपूर्णपणे त्याच्या तावडीत सापडला आहे. आता त्याला पडद्यामागे न राहता प्रत्यक्षपणे समोर येऊन पृथ्वीवर एकछत्री अंमल प्रस्थापित करायचा आहे. त्याकरिता त्याला हवं आहे युगानुयुगे देवगिरीच्या ताब्यात असलेलं प्रभू रामचंद्रांचं दिव्य विश्वसिंहासन. आपल्या हस्तकांसकट महान भूमी महाराष्ट्राला ताब्यात घेत, भारतभूवर वर्चस्व प्रस्थापित करण्याचा प्रयत्न तो करतो. बाराव्या शतकात जन्मलेला यादव राजपुत्र सदाशिव पुन्हा सूर्यराजच्या स्वरूपात जन्म घेतो व कली सैतानाला त्याच्या मनसुब्यांपासून रोखू पाहतो. सूर्यराज, त्याची सहचारिणी कल्याणी व मराठीजन महाराष्ट्राला या संकटापासून वाचवू शकतील काय?भारतीय संस्कृतीतील युग संकल्पना, अवतारवाद, पुनर्जन्म, कर्मसिद्धांत व महाराष्ट्राचा भूत-वर्तमानकाळ यांची सांगड घालून महाराष्ट्राचा भविष्यवेध घेणारी, कलीराक्षस व सूर्यराज यांच्यातील संघर्षाची ही रोमहर्षक कहाणी मराठीजनांसमोर सविनय सादर.
About the Book: तीन दोस्तों की कहानी बचपन से आरंभ होकर बुढ़ापे पर खत्म होती है। बचपन की शरारतों से शुरू होकर पढ़ाई के दौर से गुज़रती हुई तीनों दोस्तों की कथा गुरूकुल का निर्माण कर समाज कल्याण के लिए श्रेष्ठ मानव की रचना का सपना पूर्ण करती है। नेपथ्य में मुख्य पात्र के पिता का जीवन चित्रण किया गया है। अन्य पात्रों में फूफाजी और बुआजी के निस्वार्थ व्यवहार द्वारा संयुक्त परिवार प्रथा को दर्शाया गया है। तीनों में एक मित्र बहुत ही बुद्धिमान है। वह किशोर अवस्था में ही कई पुस्तकें और ग्रंथ पढ़कर श्रेष्ठ जीवन का मार्ग तय कर लेता है। विदेश में रहते हुए उसने गुरूकुल देखा और समझा। उसके स्वदेश लौटने से पहले गुरूकुल का निर्माण तीसरा मित्र कर चुका होता है।
About The Book: ସୁଚିସ୍ମିତା ଶତପଥୀଙ୍କ ଲିଖିତ ୨୩ଟି ନିର୍ବାଚିତ ରୋମାଞ୍ଚକର ଗଳ୍ପକୁ ନେଇ 'କଳିକା' ଶୀର୍ଷକ ଏହି ଗଳ୍ପ ସଂକଳନର ପରିକଳ୍ପନା । ଏହା ତାଙ୍କ ଗଳ୍ପ ମାନସର ପ୍ରଥମ ପରିପ୍ରକାଶ । ସୁଖରେ ବିହ୍ୱଳିତ ନହେବା, ଦୁଃଖରେ ବିଚଳିତ ନହେବା ହିଁ ସଫଳ ଜୀବନ ଯାତ୍ରାର ଲକ୍ଷଣ, ଯାହାକି ସୁଚିସ୍ମିତା ଶତପଥୀଙ୍କ କ୍ଷେତ୍ରରେ ସ୍ପଷ୍ଟ ପ୍ରତୀୟମାନ । ଦୁଃଖକୁ ନିଜର କରି ସୁଖକୁ ସ୍ୱାଗତ କଲେ ସୁଖ ଦୁଃଖରେ ସମୋଚିତ୍ତ ରହି ଜୀବନ ବିତାଇଲେ ହିଁ ମଣିଷ ଯେ ମଣିଷ ପରି ବଞ୍ଚିପାରିବ, ଏହା ଅନ୍ୟଥା ନୁହେଁ। ଗାଳ୍ପିକାଙ୍କ ଜୀବନବାଦୀ ଦୃଷ୍ଟିକୋଣ ହିଁ ତାଙ୍କ ଗଳ୍ପର ମୁଖ୍ୟ ବଳୟ ଓ ଗଳ୍ପ ସଂକଳନର ଅନ୍ତଃସ୍ରୋତ ଏହା ନିର୍ଦ୍ଵନ୍ଦ୍ୱରେ କୁହାଯାଇପାରେ । ଆମର ଆଶା ଓ ବିଶ୍ୱାସ ଏହି ଗଳ୍ପ ସଂକଳନଟି ସୁଧୀ ବିଜ୍ଞ ପାଠକ ବର୍ଗଙ୍କ ସ୍ୱୀକୃତି ଓ ଆଦୃତି ଲାଭ କରିବ।
About the Book: यह किताब केवल एक उपन्यास नहीं है। इस पुस्तक के अंदर अर्धसैनिक बल के एक बहादुर जवान की देशभक्ति की वीरगाथा को अलंकृत किया गया है, जिसने अपने शरीर की एक एक बून्द खून को देश की अखंडता के लिए कुर्बानी दी है। दुनिया में ज्ञान को सबसे ऊपर रखा जाता है, पर एक अनपढ़ देहाती लड़की ने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल करने के पश्चात् समाज को यह आईना दिखाया है कि ज्ञान से ऊपर प्रेम है। माँ का प्यार कभी कभी आसमान को भी छूँ लेता है, इसे सुंदर रूप से वर्णित किया गया हैं। प्यार कब और कैसे हो जाता पहले से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। किसी को आशिक/आशिकी मिलती है, तो किसी को नहीं मिलती। जिनको नहीं मिलती उनके हृदय की भावना को इस पुस्तक में सुन्दर कहानी के द्वारा वर्णन किया गया है। एक उच्च कोटि के संत, वरदान दे कर किसी की जिंदगी को बचा सकते है या बदल सकते है, इस बिषय पर आधारित एक सच्ची कहानी को इस पुस्तक में लिपिबद्ध किया गया है।
About the Book: प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरहान पामुक ने कहा है - "मैंने एक दिन एक किताब पढ़ी और मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।" स्टोरीमिरर ने लेखकों और पाठकों को समान रूप से एक अनूठा मंच प्रदान करके लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कहानी पढ़ कर और कहानी सुन कर हम एक अलग दुनिया में प्रवेश करते हैं, जहाँ मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंगों से साक्षात्कार होते हैं। प्रत्येक कहानी हमें कुछ सिखाती है, हमें सोचने पर मजबूर करती है और कुछ आत्म चिंतन का अवसर प्रदान करती है। इस व्यस्त और नीरस जीवन में, एक कहानी की किताब हमें सपने देखने में मदद कर सकती है, हमें परियों में विश्वास दिला सकती है, हमें जीवंत रख सकती है, हमें आशा दे सकती है और कुछ कहानियाँ हमें अपनी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटने का साहस भी दे सकती हैं। जॉर्ज सॉन्डर्स ने ठीक ही कहा है, "जब आप एक छोटी कहानी पढ़ते हैं, तो आप थोड़ा अधिक जागरूक हो जाते हैं और अपने आस-पास की दुनिया को थोड़ा अधिक प्यार करने लगते हैं।" स्टोरीमिरर पर ढेर सारी दिलचस्प कहानियों में से कुछ कहानियों को चुनना एक मुश्किल काम है लेकिन इस किताब के माध्यम से सबसे अच्छी कहानियों को चुन कर आपके लिए उपलब्ध कराया गया है जो होनहार लेखकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम हैं। लेखकों ने उनकी कल्पना शक्ति और लेखन का बेहतरीन इस्तेमाल किया है और अपनी सबसे कल्पनाशील, मनोरंजक, आकर्षक और मनोरंजक रचनाएं हमें प्रस्तुत की हैं। लघु कथाओं का यह संग्रह, पाठकों तक सर्वश्रेष्ठ कहानियों को पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगा और स्टोरीमिरर वेबसाइट के विशाल संग्रह का हिस्सा बनेगा। हमें उम्मीद है कि यह आपको पसंद आएगा। आशा है कि इसे पढ़ कर आप सुखद अनुभव से गुजरेंगे!
About the Book: प्रसिद्ध उपन्यासकार ओरहान पामुक ने कहा है - "मैंने एक दिन एक किताब पढ़ी और मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।" स्टोरीमिरर ने लेखकों और पाठकों को समान रूप से एक अनूठा मंच प्रदान करके लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कहानी पढ़ कर और कहानी सुन कर हम एक अलग दुनिया में प्रवेश करते हैं, जहाँ मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंगों से साक्षात्कार होते हैं। प्रत्येक कहानी हमें कुछ सिखाती है, हमें सोचने पर मजबूर करती है और कुछ आत्म चिंतन का अवसर प्रदान करती है। इस व्यस्त और नीरस जीवन में, एक कहानी की किताब हमें सपने देखने में मदद कर सकती है, हमें परियों में विश्वास दिला सकती है, हमें जीवंत रख सकती है, हमें आशा दे सकती है और कुछ कहानियाँ हमें अपनी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटने का साहस भी दे सकती हैं। जॉर्ज सॉन्डर्स ने ठीक ही कहा है, "जब आप एक छोटी कहानी पढ़ते हैं, तो आप थोड़ा अधिक जागरूक हो जाते हैं और अपने आस-पास की दुनिया को थोड़ा अधिक प्यार करने लगते हैं।" स्टोरीमिरर पर ढेर सारी दिलचस्प कहानियों में से कुछ कहानियों को चुनना एक मुश्किल काम है, लेकिन इस किताब के माध्यम से सबसे अच्छी कहानियों को चुन कर आपके लिए उपलब्ध कराया गया है, जो होनहार लेखकों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम हैं। लेखकों ने उनकी कल्पना शक्ति और लेखन का बेहतरीन इस्तेमाल किया है और अपनी सबसे कल्पनाशील, मनोरंजक, आकर्षक और मनोरंजक रचनाएं हमें प्रस्तुत की हैं। कहानियों का यह संग्रह, पाठकों तक सर्वश्रेष्ठ कहानियों को पहुंचाने का अवसर प्रदान करेगा और स्टोरीमिरर वेबसाइट के विशाल संग्रह का हिस्सा बनेगा। हमें उम्मीद है कि यह आपको पसंद आएगा। आशा है कि इसे पढ़ कर आप सुखद अनुभव से गुजरेंगे!
About the Book: काय आहे या पुस्तकात? एका शब्दात सांगायचे झाले तर "स्पष्टता" आणि शब्दसमूहात सांगायचे झाले तर ... - देव प्रतिमांच्या प्रयोजनामागचे शास्त्रशुद्ध कारण, - "Law of Attraction" या विषयाचे सोप्यात सोप्या शब्दात स्पष्टीकरण, - नऊ प्रमुख देवांचे अगदी सोप्या पद्धतीने आकलन - श्री गणेश, श्री शिव, श्री कार्तिकेय, श्री गुरू दत्तात्रेय, श्री दुर्गा, श्री लक्ष्मी, श्री सरस्वती, यमदेव आणि श्री चित्रगुप्त - आणि आजच्या पिढीला अनुत्तरित असलेल्या बर्याच रहस्यमयी प्रश्नांची विज्ञानाच्या पार्श्वभूमीवर उत्तरे मिळतील...उदाहरणार्थ, - श्री गणेशाला गजमुख दाखवण्यामागचे शास्त्रीय कारण काय? - श्री लक्ष्मीला शयनावस्थेतील श्रीविष्णूचे पाय चेपतानाच का दाखवले जाते? - शिवलिंग आणि नंदी यांच्या रचनेचे रहस्य काय? - सापाला शंकराच्या गळ्यातच का बरे दाखविले जाते ? - स्त्रियांनी श्री कार्तिकेयाचे दर्शन घेण्याचे का टाळावे? - सर्व देवतांना वाहन म्हणून सरसकट हत्ती-घोडे न देता, उंदीर, मोर, नंदी, रेडा, हंस इत्यादि पशू वाहन म्हणुन दाखवण्यामागचे शास्त्रीय कारण काय आहे? - सर्व हिंदू धर्मियांनी अगदी आवर्जून वाचावे असे हे पुस्तक आहे. - हिंदू धर्मियांसाठी धर्माच्या ठायी असलेला अभिमान निश्चितच उंचावणारे असे हे पुस्तक आहे.
About the Book: "ଅର୍ଘ୍ୟଥାଳି" ବୁନୀ ତ୍ରିପାଠୀଙ୍କର ଦ୍ୱିତୀୟ ଗଳ୍ପ ସଂକଳନ। ଏହି ଗଳ୍ପ ସଙ୍କଳନରେ ତାଙ୍କ ଜୀବନର ଅନେକ ଅନୁଭବ ବିଭିନ୍ନ ଚରିତ୍ର ମାନଙ୍କ ମାଧ୍ୟମରେ ରୂପ ଲାଭ କରିଛି । ସମାଜର ନିତିଦିନିଆ ଜୀବନରେ ଘଟି ଯାଉଥିବା ଆଖପାଖର ଘଟଣାକୁ ନୂଆ ରୂପରେ ସେ ପାଠକ ମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ପରସିଦେଇଛନ୍ତି ।
About the Book: वेब सीरीज की रोचक शैली में लिखी गई यह काल्पनिक कहानी, कथा नायिका सोनम के द्वारा लिखी जाती दिखाई गई है। यह सोनम और आशु के प्रेम एवं उनके वैवाहिक जीवन की कहानी है। सोनम एवं आशु में वर्षों रहे निर्मल प्रेम के बाद दोनों का विवाह होता है। कालांतर में आशु के विवाहेतर संबंध के कारण, इनके प्रगाढ़ प्रेम की सशक्त बुनियाद पर निर्मित 'प्रेम महल' में दरार पड़ने लगती है। भटकाव पथ पर सोनम भी कदम रख देती है। सोनम एवं आशु इन विवाहेतर अवैध रिश्तों के कारण अनेक समस्याएँ अनुभव करते हैं। वे समाधान निकालना चाहते हैं।
About the Book: - कितने ही दृश्य परदे के पीछे रह जाते हैं! कितने किरदार कथानक में अपनी जगह नहीं बना पाते! सच है, तस्वीरें सब कुछ नहीं दिखातीं। कहानियां सब कुछ नहीं सुनातीं। इन दोनों में, बीच में जो रह जाता है, जो छूट जाता है, यह किताब उन कतरनों को समेट कर आगे बढ़ती है। इसकी कविताएं हमारे अंदर और बाहर बीत रहे को बड़ी बारीकी से उकेरती हैं। इनको पढ़ते हुए आप अपने गांव, घर या शहर को स्पष्ट रूप देख सकते हैं और चलते-चलते ख़ुद को भी महसूस कर सकते हैं। इसके टू लाइनर भी गहरे तक छूते हैं, जैसे- "नहीं मालूम उसे समन्दर ठगेगा या आसमान, वह बच्ची अपने घरौंदे की दीवार हमेशा नीले रंग से रंगती है। लेखिका की यह पहली किताब ज़रूर है लेकिन लगातार घट रहे वक़्त के तमाम पहलुओं को उन्होंने बड़ी सुघड़ता से बुना है। अब यह पाठक के ऊपर है कि कौन सी बात उसके मन के आकार में फ़िट होती हैं, कौन सी मिसफ़िट लेकिन यह ज़रूर है कि महसूसियत के इस बहाव में पाठक का पूरा-पूरा भीगना तय है। जहां छिछला समझ के पांव रखेंगे, अगले ही क्षण डूबने की पूरी संभावना है।
About the Book: कविता म्हणजे जेव्हा एखाद्या भावनेचा विचार जेव्हा आणि विचाराला शब्द सापडतात. - रॉबर्ट फ्रॉस्ट मानव सर्व गोष्टींपैकी सर्वोत्कृष्ट गोष्टीला कविता म्हणतो हे विनाकारण नाही. निकोलस स्पार्क्सच्या 'द नोटबुक' या प्रसिद्ध प्रणय कादंबरीत नायक आपल्या प्रियकराला जिवंत कविता म्हणतो. त्याचप्रमाणे आपले सर्वोत्कृष्ट साहित्य (त्याचे स्वरूप काहीही असो), चित्रपट, कला, ठिकाणे, खाद्यपदार्थ आणि अगदी वाइन यांनाही काव्यात्मक म्हणतात. आपण कितीही वैज्ञानिकदृष्ट्या प्रगत किंवा तांत्रिकदृष्ट्या कितीही अत्याधुनिक असलो तरीही मानव आपल्या भावना व्यक्त करण्यासाठी कविता वाचतो आणि लिहितो. आम्ही कविता वाचत आणि लिहित नाही कारण ती फॅन्सी आहे. आपण कविता वाचतो आणि लिहितो कारण आपण उत्कटतेने भरलेल्या मानवजातीचे सदस्य आहोत. वैद्यक, कायदा, व्यवसाय आणि अभियांत्रिकी हे जीवन जगण्यासाठी आवश्यक असलेले उदात्त व्यवसाय आहेत. कविता, सौंदर्य,प्रणय आणि प्रेम हे जीवन जगण्यास सुंदर बनवते. स्टोरीमिररच्या संपूर्ण टीमने साज तरंग हा सुंदर कविता संग्रह निवडला, संपादित केला, संकलित केला, डिझाइन केला, छापला आणि प्रकाशित केला याचा प्रचंड अभिमान आणि आनंद आहे. या काव्यसंग्रहाचे सहलेखन करणारे कवी विविध क्षेत्रातील आहेत. त्यांचे वय, व्यवसाय, पात्रता, थीम आणि शैली भिन्न असू शकते, परंतु या सर्वांनी त्यांच्या भावना, कल्पनाशक्ती, उत्कटता आणि जीवन अनुभव या कवितांमध्ये आणले आहेत.आम्हाला आशा आहे की हा काव्यसंग्रह तुमच्या हृदयाला आणि आत्म्याला स्पर्श करेल, तसेच तुम्हाला वाचनाचा उत्तम अनुभव देईल!
About the Book: ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿-¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿ ¿¿¿¿, ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿... ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿... ¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿? ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿... ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿... ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿... ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿-¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿...¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿...¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿...¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿... ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿. ¿¿¿¿, ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿, ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿.
About the Book: '¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿' ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿. ¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿. ¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿. ¿¿ ¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿. About the Author: ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿-¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿ DD EDUCATION ALL ¿¿¿¿¿ ¿¿-¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿. ¿¿¿¿¿ STORYMIRROR ¿¿¿¿¿¿ 2020 ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ AUTHOR OF THE YEAR ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿. ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿.¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿.
About the Book: "¿¿¿¿¿¿¿" ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ l ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿l ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ l ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ l About the Author: ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿l ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ l ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿l ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ l ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿'¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿l ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿'¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿l ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ "¿¿¿¿¿¿¿" ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ l ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿¿ "¿¿¿¿¿¿¿" ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿-¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿l
About the Book: ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿, ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿, ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ "¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿" ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ About the Author: CMA ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿.¿¿.¿¿ ¿¿¿¿¿ (¿.¿¿¿.) ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿, ¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ICAI (ICWAI) ¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿ ¿
Tilmeld dig nyhedsbrevet og få gode tilbud og inspiration til din næste læsning.
Ved tilmelding accepterer du vores persondatapolitik.