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Gandhi Ki Mrityu - Nemeth Laszlo - Bog

Bag om Gandhi Ki Mrityu

महात्मा गाँधी अपने समय में ही नहीं हमारे समय में भी एक प्रतिरोधक उपस्थिति हैं उनका बीसवीं शताब्दी के विचार, राजनीति और सामाजिक कर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा। इन दिनों उनका बहुत बारी$क पर अचूक अवमूल्यन करने का एक अभियान ही चला हुआ है। इस सन्दर्भ में उनकी मृत्यु पर लिखा गया यह हंगेरियन नाटक, जो सीधे हिन्दी में अनूदित किये जाने का एक बिरला उदाहरण भी है, प्रस्तुत करते हुए हमें उम्मीद है कि गाँधी-विचार और कर्म को ताज़ी नज़र से देखने के प्रयत्न में सहायक होगा।" -अशोक वाजपेयी

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  • Sprog:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789388183611
  • Indbinding:
  • Hardback
  • Sideantal:
  • 168
  • Udgivet:
  • 1. oktober 2018
  • Størrelse:
  • 140x13x216 mm.
  • Vægt:
  • 363 g.
  • 2-3 uger.
  • 13. december 2024
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Beskrivelse af Gandhi Ki Mrityu

महात्मा गाँधी अपने समय में ही नहीं हमारे समय में भी एक प्रतिरोधक उपस्थिति हैं उनका बीसवीं शताब्दी के विचार, राजनीति और सामाजिक कर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा। इन दिनों उनका बहुत बारी$क पर अचूक अवमूल्यन करने का एक अभियान ही चला हुआ है। इस सन्दर्भ में उनकी मृत्यु पर लिखा गया यह हंगेरियन नाटक, जो सीधे हिन्दी में अनूदित किये जाने का एक बिरला उदाहरण भी है, प्रस्तुत करते हुए हमें उम्मीद है कि गाँधी-विचार और कर्म को ताज़ी नज़र से देखने के प्रयत्न में सहायक होगा।" -अशोक वाजपेयी

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